Sunday, 1 March 2015

AIDS | एड्स

AIDS | एड्स

1.  एड्स (AIDS) का कया मतलब है?

एड्स, चार शब्दों से बना है। वो हैं –
  • अकुएर्ड (Acquired) = जो आपने प्राप्त किया
  • ईमुनो (Immuno) = शरीर की प्रतिरक्षा
  • डेफीसियंसी (Deficiency) = कमी
  • सिंड्रोम (Syndrome) = संलक्षन
इसका मतलब है वह बीमारी, जो शरीर मैं प्रतिरक्षा कम करके, लक्षण देता है।
एच आइ वी (HIV)का अर्थ है -
  • एच (Human)से ह्युमन = मानव
  • आइ से ईमुनो डेफीसियंसी (Immuno deficiency)= जो प्रतिरक्षा को कम करे
  • वी से वाइरस (Virus)= जीवाणु

2.  एच आइ वी पोजीटिव (HIV Positive) का कया मतलब है?

इसका मतलब है वो जीवाणु जो शरीर की प्रतिरक्षा को कम करे। एच आइ वी से संक्रमित होने पर, आपका शरीर इस रोग से लड़ने की कोशिश करता है। आपका शरीर रोग प्रतिकारक कण बनाता है, जिसेऐंटीबौडीज़ (Antibodies) कहते हैं। एच आइ वी के जांच में, अगर आपके खून में ऐंटीबौडीज़ पाया जाता है, तो इसका मतलब है कि आप एच आइ वी के रोगी हैं, और आप एच आइ वी पोजीटिव (HIV Positive) है।
“एच आइ वी पोजीटिव (HIV Positive)” होना या “एच आइ वी का संक्रमण (HIV Infection)” होना, का ये मतलब नहीं है कि आपको “एड्स” है। बहुत सारे लोग “एच आइ वी पोजीटिव” होते हैं, किंतु वो सालों तक बीमार नहीं पड़ते हैं। समय के साथ, एच आइ वी आपके शरीर के प्रतिरक्षा को कमज़ोर कर देता है। इस हालत में, विभिन्न प्रकार के मामूली जीवाणु, कीटाणु, फफूंद इत्यादी, आपके शरीर में रोग फैला सकते हैं, जिसे मौकापरस्त संक्रमण (Opportunistic Infection/OI) कहते हैं।

3.  ऐडस कैसे होता है?

आप कभी एड्स से संक्रमित नही होते हैं। हो सकता है कि आपको “एच आइ वी” का संक्रमण हो, और हो सकता है कि आपको बाद में एड्स हो। आप किसी भी “एच आइ वी” संक्रमित व्यक्ति, जो “एच आइ वी पोजीटिव” भी न हो या बीमार भी न हो, उससे आपको एच आइ वी लग सकता है। “एच आइ वी” संक्रमित व्यक्ति के खून, वीर्य, योनिक पानी और माँ के दूध में इतना वाइरस होता है कि वो दूसरों को यह रोग दे सकते हैं।

3.1  आधिकाँश लोग को निम्न प्रकार से एड्स मिलता है -

  • संक्रमित व्यक्ति से असुरक्षित यौन संबंध से या सेक्स से (Sex)
  • संक्रमित खून प्राप्त करने से (Contaminated Blood Transfusion)| अब ये खून की जांच करने से यह कम हो गया है।
  • संक्रमित व्यक्ति का सुई लेना (IV Drug Use)
  • संक्रमित माँ के बच्चे को (Vertical)
  • संक्रमित माँ के दूध से (Breast milk)
इस बात का कोई लिखित प्रमाण नही है कि एड्स आँसू या थूक से फैलता है। लेकिन अगर कोई गहरा चुम्बन या मुँह से सेक्स करता है, और अगर मुँह में छाले हो या मसूड़ा से खून बहता हो, तो एड्स हो सकता है।

4.  कया होगा “एच आइ वी पोजीटिव” में?

एच आइ वी के रोग लगने पर आपको पता भी नहीं चलेगा। कुछ लोगों को 1 से 2 हफ्ते के लिये बुखार, सिर दर्द, शरीर और जोड़ में दर्द, पेट दर्द, लसीकाऔं में सूजन या फुंसी हो सकता है। आधिकाँश लोग को यह साधारण सर्दी के जैसा लगता है। आपके शरीर का प्रतिरक्षा को जवाब देने में कुछ हफ्तों से महीनों लगता है। इस दौरान, एच आइ वी वाइरस आपके शरीर में बढता है, लेकिन आप जांच में “एच आइ वी पोजीटिव” नहीं होते हैं। उस पर से आप दूसरों को एड्स फैला सकते हैं। यह समय को विनडो पिरीएड (Window Period) कहते हैं।
शरीर का प्रतिरक्षा, जवाब में, रोग प्रतिकारक कण (Molecules) बनाता है, जिसे “ऐंटीबौडीज़” कहते हैं, और तब आप “एच आइ वी पोजीटिव” होते हैं। 1 से 2 हफ्तों के प्राथमिक लक्षण के बाद, आप 10 या अधिक साल तक स्वस्थ रह सकते हैं। किंतु इस दौरान, वाइरस आपके प्रतिरक्षा को नुकसान पहुँचाते रहता है।
एक जांच, जो यह बताता है कि आपके शरीर के प्रतिरक्षा को कितना नुकसान हुआ है, वह खून में सी डी 4 सेल या कोशिकाऐं (CD4 cells) गिनने से पता चलता है। इनको टी हेल्पर (T-helper) भी कहा जाता है, और प्रतिरक्षा के लिये बहुत ही महत्वपूर्ण है। स्वस्थ्य व्यक्ति में 500 से 1500 सी डी 4 सेल प्रति मिली लिटर खून में होता है।
बिना उपचार के सी डी 4 सेल कम हो जाते हैं। तब आपको “एच आइ वी की बीमारी” के लक्षण चालू हो जायेंगे, जैसे कि बुखार, रात में पसीना, दस्त और लसीकाऔं में सूजन होता है। यह कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक चलता है।

5.  कैसे पता चलेगा कि मुझे एड्स है?

जब आपके शरीर का प्रतिरक्षा को भारी नुकसान पहुँच जाता है, तो “एच आइ वी का संक्रमण”, “एड्स” के रूप में बदल जाता है। अगर आपको नीचे लिखे हुए स्थितीयों में से कुछ भी है, तो आपको एड्स है –
  • 200 से कम सी डी 4 सेल (<200)
  • 14 प्रतिशत से कम सी डी 4 सेल (<14%)
  • मौकापरस्त संक्रमण (OI)–
    • मुँह या योनि में फफूंद (Candida)
    • आँखों में सी एम वी संक्रमण (CMV)
    • फेफड़ा में पी सी पी निमोनिया (PCP)
    • चर्म में कपोसी कैंसर (Cancer)
  • अन्य बीमारीयाँ – वजन कम होना, दिमाग में कैंसर, इत्यादी जो कि जानलेवा हो।
एड्स हर व्यक्ति में विभिन्न रूप से प्रकट होता है। कुछ लोग, संक्रमण के कुछ महिनो में ही मर जाते हैं, और कुछ लोग एड्स का पहचान होते हुए भी, सालों तक सामान्य जीवन व्यतीत करते हैं। कुछ “एच आइ वी पोजीटिव” लोग, बिना तुरंत दवा लिय, सालों तक स्वस्थ्य रहते हैं।

6.  कया एड्स का कोई उपचार है?

एड्स का कोई उपचार नही है। एड्स के लिये जो दवा हैं, वो या तो एच आइ वी के जीवाणु को बढने से रोकते हैं या आपके शरीर के नष्ट होते हुए प्रतिरक्षा को धीरे करते हैं। ऐसा कोई ईलाज नही है कि एच आइ वी के जीवाणु का “शरीर में से सफाया” हो सके। अन्य दवाऎं, मौकापरस्त संक्रमण को होने से रोक सकते हैं या उनका उपचार कर सकते हैं। आधिकाँश समय, ये दवाईयाँ, सही तरह से काम करते हैं। कुछ नये एड्स के लिये दवाऎं, इन मौकापरस्त संक्रमण के दर को कम कर दिया है। परंतु, कुछ मौकापरस्त संक्रमण पर इन दवाओं का कोई असर नहीं होता है।

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