Dengue । डेंगू या डेंगी
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- 1. संक्षिप्त वर्णन
- 2. कारण
- 3. प्रसार
- 4. बचाव
- 5. लक्षण
- 6. इलाज़
- 7. लक्ष्य
- 8. डेंगू हेमोर्हेजिक फीवर
1. संक्षिप्त वर्णन
- प्रकार - एक तरह का संक्रमित बीमारी
- कारण - डेंगू वायरस
- प्रसार - मच्छर के काटने से फैलता है
- अन्य नाम - “डेंगू (Dengue)“, हिन्दी में डेंगू या डेंगी
- मुख्य लक्षण – बुखार, फुंसी, सिरदर्द, उल्टी, खाने-पीने में तकलीफ, डिहाईड्रेशन
- इलाज - इसका लक्षण के अनुसार, प्रमुख इलाज घर पर ही होता है

डेंगू फैलाने वाला मच्छर
2. कारण
डेंगू वायरस चार प्रकार के होते हैं, जैसे कि डेन-1, डेन-2, डेन-3 और डेन-4 (DEN-1, DEN-2, DEN-3, DEN-4)। हर साल, दुनिया भर में करीब 10 करोड़ लोग डेंगू बीमारी से संक्रमित होते हैं।
3. प्रसार
डेंगू के वायरस, मच्छर के काटने से फैलता है। अगर किसी को डेंगू का बीमारी है, और कोई मच्छर उस मरीज से खून पीता है, तो मच्छर में डेंगू वायरस युक्त खून चला जाता है। फिर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को यह मच्छर काटता है, तो डेंगू का वायरस उसमें चला जाता है। मच्छर को “वेक्टर” (vector) कहते हैं। और इस प्रकार से फैलनेवाले बीमारी को “वेक्टर बोर्न डिसईज़” (vector borne disease) कहते हैं।
डेंगू सभी मच्छर से नहीं फैलता है। यह केवल कुछ जाति के मच्छर से फैलता है। एक प्रकार का मच्छर, जिसका नाम है, “एडिस एजिपटाई” (Aedes aegypti) इस बीमारी का संक्रमण कर सकता है।

गंदे पानी में पलते हुये, डेंगू बुखार फैलाने वाला मच्छर के अंडे
4. बचाव
डेंगू बीमारी एक वायरस से होता है, किंतु यह बीमारी एक मच्छर द्वारा फैलता है। मच्छर पानी में अंडा देकर, और मच्छर फैलाते हैं। यह जीवनचक्र करीब 1 हफ्ते में पूरा होता है। इसका मतलब है कि, अगर कोई रोकने का उपाय न किया गया तो हर हफ्ता, मच्छर का तादाद दौगुना होगा। इससे मच्छर से फैलने वाले बीमारी भी अधिक होंगे। तो डेंगू को रोकने के लिये आपको अपने घर और मोहल्ले में मच्छर को कम करना होगा।
मच्छर से बचने के लिये क्या कर सकते हैं?
- कोई भी बरतन में खुले में पानी न जमने दें। बतरन को खाली करके रखें या उलट कर रखें। अगर आप किसी बरतन, बाल्टी, ड्रम, इत्यादि में पानी जमा करके रखते हैं, तो उसे ढक कर रखें। अगर किसी चीज में पानी रखते हैं, तो उसे साबुन और पानी से धो लिया करें, कि उस में से मच्छर का अंडा को हटाया जा सके।
- किसी भी खुले जगह में, जैसे खड्डे में, गमला में, कचडा़ में पानी न जमने दें। हो सके तो उसे मिट्टी से भर कर रखें।
- नाली को बहता रहना चाहिये।
- खिड़की और दरवाजे में जाली लगा कर रखना चाहिये। दोपहर के बाद, खिड़की और दरवाजे को बंद रखें, कि मच्छर का आना-जाना कम हो।
- अपने मोहल्ले के लोगों को भी मच्छर को फैलने से रोकने के लिये प्रोतसाहित करें।
- बरसात के मौसम में और चौकसी बरतें।
- सफेद या हल्के रंगा का पूरे बांह वाले कपडे़ पहने, जिससे कि आप अपने शरीर को पूरे तरह से ढक सकें।
- जहां अधिक मच्छर है, वहां रात को मच्छरदानी का उपयोग करें। कभी-कभार मच्छर मारने वाले दवा उन जगहों पर मच्छर पर असर नहीं करता है।
- अपने नगर निगम द्वारा मच्छर मारने वाला दवा छिड़कायें।
5. लक्षण
डेंगू का एक से अधिक लक्षण होता है। अगर आपको नीचे लिखे हुये लक्षण में से कुछ भी है, जो साधारण दवा से ठीक नहीं हो रहा है, तो डाक्टर से दिखलाने जायें।
- बुखार
- सिरदर्द
- हड्डी और जोड़ में दर्द
- आखों में दर्द
- मिचली आना, उल्टी होना
- स्किन में चकत्ते होना या रैश होना
- खून बहना या खून के चकत्ते होना
6. इलाज़
डेंगू का शंका होने पर, अपने डाक्टर से दिखलायें। कुछ दवा इस प्रकार से है -
- खूब सारा आराम करें
- अधिक पानी पियें
- बुखार के लिये “पेरासिटामोल” (paracetamol) या “एसिटाअमिनोफेन” (acetaminophen) ले सकते हैं।
- बुखार के लिये “एसपिरीन” (aspirin) या उसके जैसे दवा न लें। यह आपको नुकसान पहुंचा सकता है, जैसे की खून की बीमारी।
7. लक्ष्य
अगर आप डेंगू के मरीज़ है, तो आप को दो लक्ष्य होना चाहिये। पहला कि आप जल्द से जल्द स्वस्थ हो सकें और दूसरा कि आप दूसरों को यह बीमारी न फैलायें। अपने लिये डाक्टर द्वारा बताये गये इलाज का पालन करें। दूसरों को यह बीमारी न फैलाने के लिये आप कुछ बातों का ध्यान रख सकते हैं -
- मच्छर द्वारा काटने से बचने का हर उपाय करें
- हमेशा मच्छरदानी का प्रयोग करें
- मच्छर मारनेवाला दवा का प्रयोग करें
8. डेंगू हेमोर्हेजिक फीवर
जब यह बीमारी गंभीर हो जाता है, तो मरीज में विभिन्न जगहों से खून बहने लगता है | यह जानलेवा भी हो सकता है | इस स्थिती को डेंगू हेमोर्हेजिक फीवर कहते हैं| इसका इलाज, अस्पताल में तुरंत होना चाहिये
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