LDL Cholesterol | एल डी एल कोलेसटेरोल
विषय सूची (hide)
- 1. “एल डी एल कोलेस्ट्रोल” क्या होता है?
- 2. अधिक “एल डी एल कोलेस्ट्रोल” से क्या होता है?
- 3. “एल डी एल कोलेस्ट्रोल” कितना होना चाहिये?
- 4. “एल डी एल कोलेस्ट्रोल” का जांच का क्या मतलब होता है?
- 5. विभिन्न बीमारी के स्थिती में “एल डी एल कोलेस्ट्रोल” कितना होना चाहिये?
- 6. “एल डी एल कोलेस्ट्रोल” किस स्तर से नीचे नहीं होना चाहिये?
1. “एल डी एल कोलेस्ट्रोल” क्या होता है?
“एल डी एल (LDL)” का अर्थ है “लो डेंसिटी लाईपोप्रोटीन (Low density Lipoprotein)”। यह एक प्रकार का वाहन है जो कि लिवर में निर्मित लिपिड को या कोलेस्ट्रोल को, शरीर के विभिन्न अंगों में ले जाता है। इसीलिय, इससे लगे हुय कोलेस्ट्रोल को “एल डी एल कोलेस्ट्रोल” कहते हैं।
2. अधिक “एल डी एल कोलेस्ट्रोल” से क्या होता है?
जब खून के नसों (Blood vessel) के भीतरी दिवार पर कोलेस्ट्रोल जमा होता है, तब यह खून में उपलब्ध अन्य चीजों के साथ मिल कर सख्त हो जाता है, जिसे प्लाक (plaque) कहते हैं। इसे एथेरोसक्लेरोसिस (Atherosclerosis) कहते हैं।
यह प्लाक बड़ा होने पर खून के नसों (Blood vessel) में जमा होकर, उनको संकीर्ण (narrow) कर देता है। उस पर से अगर कोई खून का थक्का या बल्ड क्लोट (blood clot) यहां पर आ जाता है, तो खून के नसों को जाम कर देता है। इससे विभिन्न अंगों में खून के बहाव में रुकावट हो जाता है। तब उन अंगों में खून के कमी से हवा (आकसीजन या oxygen) और खाना (बल्ड सुगर या Blood sugar) मिलने में दिक्कत होता है। अगर दिल के किसी क्षेत्र में खून का कमी होता है, तो यह दिल का दौरा (Heart Attack) कर सकता है। अगर दिमाग के किसी क्षेत्र में खून का कमी होता है, तो यह सदमा (Stroke) कर सकता है।
“एल डी एल” के द्वारा कोलेस्ट्रोल विभिन्न अंगों में फैलता है। अधिक कोलेस्ट्रोल जमा होने पर यह हानिकारक होता है, जैसे कि दिल का दौरा (Heart Attack) और सदमा (Stroke) । इसीलिय “एल डी एल कोलेस्ट्रोल” को खराब या बुरा कोलेस्ट्रोल (Bad Cholesterol) कहा जाता है।
3. “एल डी एल कोलेस्ट्रोल” कितना होना चाहिये?
- अगर आपका “एल डी एल कोलेस्ट्रोल” 160 मिलीग्राम प्रति डेसिलीटर (160 mg/dL) या उससे अधिक है, आपको दिल का दौरा होने का अधिक संभावना है।
- अगर आपको दिल का बीमारी है, तो आपको अपना “एल डी एल कोलेस्ट्रोल” 100 मिलीग्राम प्रति डेसिलीटर (100 mg/dL) या उससे कम रखना चाहिये।
- कभी कभी आपका डाक्टर, आपका “एल डी एल कोलेस्ट्रोल” 70 मिलीग्राम प्रति डेसिलीटर (70 mg/dL) या उससे कम का लक्ष्य रख सकता है।
4. “एल डी एल कोलेस्ट्रोल” का जांच का क्या मतलब होता है?
“एल डी एल कोलेस्ट्रोल” का जांच खून में किया जाता है। निम्नलिखित सारणी में जांच से स्तर का मतलब दिया गया है।
| स्तर (mg/dl) | मतलब | दिल के दौरा या सदमा होने का संभावना |
|---|---|---|
| 100 से कम | सबसे बेहतरीन स्थिती | सबसे कम |
| 100 से 129 तक | अच्छा है | कम |
| 130 से 159 तक | संकट सीमारेखा के निकट | अधिक |
| 160 से 189 तक | अधिक है | अधिक |
| 190 से अधिक | अत्याधिक है, | सबसे अधिक |
| स्तर (mmol/L) | मतलब | दिल के दौरा या सदमा होने का संभावना |
|---|---|---|
| 2.6 से कम | सबसे बेहतरीन स्थिती | सबसे कम |
| 2.6 से 3.3 तक | अच्छा है | कम |
| 3.3 से 4.1 तक | संकट सीमारेखा के निकट | अधिक |
| 4.1 से 4.9 तक | अधिक है | अधिक |
| 4.9 से अधिक | अत्याधिक है, | सबसे अधिक |
5. विभिन्न बीमारी के स्थिती में “एल डी एल कोलेस्ट्रोल” कितना होना चाहिये?
“एल डी एल कोलेस्ट्रोल” का स्तर आपके उम्र, लिंग और अन्य बीमारीयों के उपर भी निर्भर करता है। विभिन्न बीमारी, दिल या दिमाग के बीमारी के लिय, अलग-अलग स्तर का खतरा पैदा कर देते हैं। और उन स्थिती में अधिक “एल डी एल कोलेस्टेरोल” होने पर दिल का दौरा या सदमा हो सकता है।
निम्नलिखित सारणी में, विभिन्न बीमारी के स्थिती में, “एल डी एल कोलेस्ट्रोल” कितना होना चाहिये दिया गया है।
- अधिक खतरावाले स्थिती में 100 मिलीग्राम प्रति डेसिलीटर (100 mg/dL or 2.6 mmol/L) से कम “एल डी एल कोलेस्ट्रोल” होना चाहिये। कुछ नये शोध के अनुसार, इसे 70 मिलीग्राम प्रति डेसिलीटर (70 mg/dL) से कम रखने के लिय कहा गया है।
- डायबीटीज़ । Diabetes
- दिल के रक्त-वाहिका का रोग । कोरोनेरी आरटेरी डिजीज । Coronary Artery Disease
- दिल में बाईपास सर्जरी । कार्डियाक बाईपास सर्जरी । Cardiac Bypass Surgery
- संकीर्ण रक्तवाहिका को चौड़ा करना । एंजीयोप्लासटी सर्जरी । Angioplasty Surgery
- परिधीय रक्तवाहिका का बीमारी । पेरीफेरल आरटेरी डिजीज । Peripheral Artery Disease
- लम्बे समय से गुर्दे का बीमारी । क्रोनिक रेनल डिजीज । Chronic Renal Disorder
- मध्यम खतरावाले स्थिती में 100 से 130 मिलीग्राम प्रति डेसिलीटर (100 to 130 mg/dL or 2.6 to 3.3 mmol/L) तक “एल डी एल कोलेस्टेरोल” होना चाहिये।
- हाई बल्ड प्रेशर
- मोटापा
- धुम्रपान
- कसरत नहीं करना
- केवल बैठ कर काम करना
- मेटाबोलिक सिंड्रोम
- न्युनतम खतरावाले स्थिती में 130 से 160 मिलीग्राम प्रति डेसिलीटर (130 to 160 mg/dL or 3.3 to 4.1 mmol/L) तक “एल डी एल कोलेस्ट्रोल” हो सकता है।
- ये स्वस्थ व्यक्ति में, जिन्में कोई भी उपर लिखा हुआ स्थिती नहीं हो।
6. “एल डी एल कोलेस्ट्रोल” किस स्तर से नीचे नहीं होना चाहिये?
- “एल डी एल कोलेस्ट्रोल” 40 मिलीग्राम प्रति डेसिलीटर (40 mg/dL) से कम नहीं होना चाहिये, क्योंकि शरीर के साधारण काम के लिय “एल डी एल कोलेस्ट्रोल” जरूरी है। अगर “एल डी एल कोलेस्ट्रोल” अत्यंत कम हो तो अन्य बीमारी हो सकता है।
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