Color Blind | कलर बलाईंड
1. कलर बलाईंड किसे कहते हैं?
रंग या रंगों के प्रति अंधापन को कलर बलाईंड कहते हैं। इससे किसी एक या अधिक प्रकार के रंग को सही तरह से देखने में दिक्कत होता है। अधिकतर लोगों में, यह स्थिती जन्म से होता है, और यह उनके सामान्य जीवन पर भी असर करता है। यह पुरुषों में, महिलाओं के अनुपात में, अधिक होता है। कुछ लोग को बाद में चोट लगने से, सर्जरी से और अन्य बीमारी के कारण भी कलर बलाईंड हो सकता है।
2. सामान्य स्थिती में रंग कैसे दिखाई पडता है?
रंग को सही तरह से देखने के लिये, आंखों में विशेष प्रकार के सेल (cell) या कोशिका होते हैं जिन्हें कोंस (cones) कहा जाता है। ये कोंस तीन तरह के होते हैं, जो कि लाल, हरा और नीला देखने के लिये सक्षम होते हैं। इन तीनों प्रकार के सही रूप से काम करने पर सभी रंग अपने असली रूप में दिखते हैं। अगर इन कोंस में से किसी एक प्रकार का कोंस में समस्या है, तो कोई एक या अधिक प्रकार का रंग सही तरह से नहीं दिख सकता है।
रोशनी, उर्जा का रूप होता है। यह एक जगह से दूसरे जगह तक तरंग के रूप में प्रवाहित होता है; जैसे कि पानी में लहरें। सफेद रोशनी में तीनों रंग, लाल, हरा और नीले रंग का मिश्रण होता है। हरेक रंग अपने अलग तरंग पर चलता है। हर रंग का तरंग का लंम्बाई अलग होता है। लाल रंग का तरंग लंम्बा होता है, जिसे लोंग वेवलेंथ (long wavelength) कहते हैं, और इस प्रकार के तरंग को देखने के लिये एल-कोंस (L cones) चाहिये होता है। हरा रंग का तरंग मध्यम होता है, जिसे मिडीयम वेवलेंथ (medium wavelength) कहते हैं, और इस प्रकार के तरंग को देखने के लिये एम-कोंस (M cones) चाहिये होता है। नीला रंग का तरंग छोटा होता है, जिसे शोर्ट वेवलेंथ (short wavelength) कहते हैं, और इस प्रकार के तरंग को देखने के लिये एस-कोंस (S cones) चाहिये होता है। इन तीनों प्रकार के कोंस से प्राप्त सिग्नल के अनुपात से दिमाग को समझ आता है कि किसी वस्तु का क्या रंग है?
3. कलर बलाईंड कितने प्रकार के होते हैं?

Normal Vision
रंग को पहचानने के लिये तीन तरह के कोंस चाहिये होते हैं। इसीलिये, तीन प्रमुख प्रकार के कलर बलाईंड होने के स्थिती होते हैं। अर्थात लाल, हरा या नीले देखने में दिक्कत होता है। इसके अलावा, कुछ लोगों में अतिरिक्त तरह के कलर बलाईंड होने के स्थिती होते हैं।

Red - Green Color Blindness
अगर किसी को आंखों में एल-कोंस (L cones) नहीं है, तो उसे लाल और हरा रंग नहीं दिखाई देगा, और उसे प्रोटानोपिया (protanopia) कहते हैं। यह हल्का या पूर्ण रूप से हो सकता है। इसमें लाल और हरा रंग एक जैसा ही दिखता है।

Red - Green Color Blindness
अगर किसी को आंखों में एम-कोंस (M cones) नहीं है, तो उसे लाल और हरा रंग नहीं दिखाई देगा, और उसे डियुटानोपिया (deutanopia) कहते हैं। यह हल्का या पूर्ण रूप से हो सकता है। इसमें लाल और हरा रंग एक जैसा ही दिखता है।

Blue Color Blindness
अगर किसी को आंखों में एस-कोंस (S cones) नहीं है, तो उसे नीला और पीला रंग नहीं दिखाई देगा, और उसे ट्राईटानोपिया (tritanopia) कहते हैं। यह हल्का या पूर्ण रूप से हो सकता है। यह बहुत कम लोगों में होता है।
अधिकतर लोग मिश्रित रूप में कलर बलाईंड होते हैं।
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